
Red Fort metro attack 2025
Red Fort metro attack 2025(crime awaz india): 22 नवंबर, 2025 दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए आत्मघाती हमले की जांच में खुफिया एजेंसियों (Intelligence Agencies) को बेहद चौंकाने वाले सुराग मिले हैं। जांच में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क, मल्टी-लेयर हैंडलर चेन और कई जगहों पर एक साथ हमले करने की खौफनाक साजिश का पर्दाफाश हुआ है। बता दे कि इस हमले में 15 लोगों की जान गई थी और फिदायीन हमलावर डॉ. उमर नबी मारा गया था, जबकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार (Arrest) कर लिया है।
5 लाख रुपये देकर यह AK-47 खरीदी गई थी
जांच में सामने आया है कि फरीदाबाद (Faridabad) से गिरफ्तार किए गए आरोपी डॉ. मुजम्मिल शकील गनई ने करीब 5 लाख रुपये में एक एके-47 (AK-47) राइफल खरीदी थी। इस हथियार को बाद में दूसरे आरोपी डॉ. अदील अहमद राथर के लॉकर से बरामद किया गया। खुफिया अधिकारियों का मानना है कि इतनी महंगी खरीद इस मॉड्यूल की मजबूत फंडिंग (Funding) और तैयारियों के स्तर को दर्शाती है।
हर हमलावर को कंट्रोल कर रहा था अलग-अलग हैंडलर
Red Fort metro attack 2025 इस ‘व्हाइट कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल की जड़ें काफी गहरी थीं। सूत्रों के मुताबिक, हर आरोपी का हैंडलर (Handler) अलग था। जहां डॉ. मुजम्मिल का हैंडलर कोई और था, वहीं ब्लास्ट करने वाला डॉ. उमर किसी दूसरे को रिपोर्ट करता था। जांच में मंसूर और हाशिम जैसे दो प्रमुख हैंडलर्स के नाम भी सामने आए हैं, जो एक सीनियर हैंडलर के नीचे काम कर रहे थे।
तुर्किये का सुराग मिला TTP कनेक्शन भी सामने आया
एजेंसियों ने पुष्टि की है कि 2022 में मुजम्मिल, अदील और मुजफ्फर अहमद तुर्किये (Turkey) गए थे। वहां वे ओकासा नाम के शख्स के निर्देश पर गए थे, जो तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़ा है। उन्हें वहां से अफगानिस्तान (Afghanistan) भेजा जाना था, लेकिन एक हफ्ते के इंतजार के बाद उनका हैंडलर पीछे हट गया था।
धमाका करने की साजिश! ‘डीप फ्रीज़र’ लिया था बम बनाने के लिए
फिदायीन डॉ. उमर ने बम बनाने के लिए ऑनलाइन वीडियो और मैनुअल का सहारा लिया था। उसने नूंह (Nuh) से रसायन और भागीरथ पैलेस से इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदा था। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि उसने रसायनों को सुरक्षित रखने और विस्फोटक मिश्रण तैयार करने के लिए एक डीप फ्रीजर (Deep Freezer) भी खरीदा था, जिसका इस्तेमाल मिक्सचर को स्थिर (Stabilize) करने के लिए किया गया था।
पैसे की बात पर विवाद भड़क गया था
जांचकर्ताओं ने पुष्टि की है कि फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) में पैसों को लेकर मुजम्मिल और उमर के बीच गंभीर झगड़ा हुआ था। इसके बाद उमर ने अपनी लाल रंग की इको स्पोर्ट कार, जिसमें पहले से विस्फोटक मौजूद था, मुजम्मिल को सौंप दी थी। एजेंसियों का कहना है कि आतंकियों का प्लान विस्फोटकों को अलग-अलग जगहों पर रखकर कई स्थानों पर एक साथ हमले (Simultaneous Attacks) करने का था।
कोर्ट ने वकील से मुलाकात की अनुमति ठुकरा दी
इस बीच, दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को इस मामले के सह-आरोपी जसिर बिलाल वानी को एनआईए मुख्यालय (NIA Headquarters) में अपने वकील से मिलने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। वानी फिलहाल एनआईए (NIA) की कस्टडी में है।
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