
Punjab Zila Parishad nomination violence case
Punjab Zila Parishad nomination violence case(crime awaz india): 5 दिसंबर, 2025 पंजाब में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनावों के नामांकन के दौरान हुई कथित हिंसा और धक्का-मुक्की का मामला अब अदालत की दहलीज पर पहुंच गया है। पंजाब में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने आज शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने नामांकन दाखिल करने के दौरान कांग्रेस उम्मीदवारों के साथ हुई हिंसा, सत्ता के दुरुपयोग और भेदभाव को लेकर याचिका दायर की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए माननीय चीफ जस्टिस (Chief Justice) ने मौखिक अपील स्वीकार कर ली है और अब इस पर सोमवार, 8 दिसंबर 2025 को सुनवाई होगी।
नामांकन की समय सीमा बढ़ाने की मांग
बाजवा ने अपने वकील अर्शप्रीत खड़ियाल (Arshpreet Khadial) के माध्यम से दायर याचिका में कोर्ट से गुहार लगाई है कि हिंसा और हंगामे के कारण जो उम्मीदवार अपना पर्चा नहीं भर सके उनके लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की अवधि बढ़ाई जाए।
पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
याचिका में उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है, जो कथित तौर पर आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के निर्देशों पर काम कर रहे थे और हिंसा को रोकने में नाकाम रहे या पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया। बाजवा का कहना है कि पुलिस और प्रशासन का दुरुपयोग करके लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है।
पर्यवेक्षक लगाने की मांग
स्वतंत्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए बाजवा ने पूरी चुनाव प्रक्रिया की निगरानी हेतु एक ‘ऑब्जर्वर’ (पर्यवेक्षक) नियुक्त करने की भी मांग की है। उनका मानना है कि बिना निष्पक्ष निगरानी के चुनाव में धांधली होने की प्रबल संभावना है। सोमवार को होने वाली सुनवाई पर अब सबकी निगाहें टिकी हैं।
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