बच्चों में निमोनिया की जल्दी पहचान और समय पर इलाज जरूरी: सिविल सर्जन

Manu Thakur
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Protect Children from Pneumonia

बर्नाला, 12 नवंबर

Protect Children from Pneumonia(crime awaz india)पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह और स्वास्थ्य विभाग के निदेशक के निर्देशों के अनुसार, जिला बर्नाला के स्वास्थ्य केंद्रों में “साँस” (सोशल अवेयरनेस एंड एक्शन टू न्यूट्रलाइज निमोनिया सक्सेसफुली) कार्यक्रम के तहत 5 साल से कम उम्र के बच्चों के माता-पिता को जागरूक किया जा रहा है कि बच्चों में निमोनिया की जल्दी जांच करवा कर प्रभावित बच्चों का समय पर इलाज करवाना चाहिए, ताकि निमोनिया के कारण होने वाली बच्चों की मौतों को कम किया जा सके। इस बात का उल्लेख सिविल सर्जन बर्नाला डॉ. बलजीत सिंह ने किया।उन्होंने बताया कि निमोनिया फेफड़ों में रोगाणुओं के संक्रमण से होता है और 5 साल से कम उम्र के बच्चों में यह मौत का सबसे बड़ा कारण है।

जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. हरजीत सिंह ने बताया कि छोटे बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए पहले छह महीने केवल मां का दूध पिलाना, बच्चे को स्वच्छ रखना, प्रदूषण रहित वातावरण, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना और पूरा टीकाकरण करवाना जरूरी है।Protect Children from Pneumonia इस श्रृंखला में पी.सी.वी. (पॉलीवैलेंट कन्यूज टीका) का टीकाकरण भी आवश्यक है।

सिविल अस्पताल बर्नाला के बच्चों के विशेषज्ञ डॉ. अंकुस जिंदल और डॉ. जसदीप सिंह ने बताया कि निमोनिया फेफड़ों की गंभीर बीमारी है, जो 5 साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का बड़ा कारण है।(Protect Children from Pneumonia)उन्होंने निमोनिया के लक्षणों के बारे में जानकारी दी कि बच्चों में खांसी और सर्दी बढ़ना, तेज़ सांस लेना, सांस लेते समय पसली का हिलना या छाती का धसना, और गंभीर लक्षण जैसे बच्चे का खाना-पीना बंद कर देना, झटके आना, सुस्ती या अधिक नींद आना आदि वाले बच्चों का तुरंत इलाज जरूरी है।

इस समय जिला मास मीडिया पर सूचना अधिकारी कुलदीप सिंह मान और हरजीत सिंह, जिला बीसीसी कोऑर्डिनेटर ने जानकारी दी कि “चैन की सांस बच्चे को तभी मिलेगी, जब आप तुरंत निमोनिया के लक्षण पहचानेंगे।” पांच साल से कम उम्र के बच्चों में यदि निमोनिया संबंधी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर की सलाह अनुसार इलाज करवाना चाहिए। घरेलू इलाज कई बार बच्चों के लिए खतरे का कारण बन सकता है।

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