police or gangster (क्राइम आवाज़ इंडिया बीऑरयू): कानपुर में तैनाती के दौरान सीओ ऋषिकांत शुक्ला ने एनकाउंटर का डर दिखाकर, बिल्डरों को धमकाते हुए और अपराधियों से सांठगांठ कर करीब 100 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति खड़ी की। अखिलेश दुबे की कंस्ट्रक्शन कंपनी में पत्नी को पार्टनर बनाकर उन्होंने काले धन को सफेद किया। राजनीतिक संरक्षण के चलते वर्षों तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन अब एसआईटी और विजिलेंस जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।

Police or gangster
कानपुर में 100 करोड़ वाले DSP ऋषिकांत शुक्ला पर कार्रवाई की ने पुलिस महकमे में हलचल ला दी है. कानपुर में दस साल तक तैनात रहे इस अधिकारी की कुंडली जब खुली तो भ्रष्टाचार, धमकी और सांठगांठ के काले धागे एक-एक कर सामने आने लगे. एसआईटी जांच में अब तक करीब 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ है, (Police or gangster) जो उनकी आधिकारिक आय से कई गुना ज्यादा है. जांच के दस्तावेज बताते हैं कि कानपुर की गलियों से लेकर राजधानी लखनऊ तक ऋषिकांत शुक्ला ने ऐसा नेटवर्क बिछाया था,जिसके जाल में बिल्डर, व्यापारी, अपराधी और राजनीतिक रसूखदार सभी फंसे थे .https://crimeawaz.in/breaking-news/

Police or gangster अखिलेश दुबे जैसे प्रभावशाली व्यक्तियों से नज़दीकी के राजनीतिक निहितार्थ
कानपुर में अपनी तैनाती के दौरान शुक्ला ने खुद को एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर पेश किया. यही छवि बाद में उसकी कमाई का सबसे बड़ा हथियार बनी. पीड़ितों के मुताबिक,ऋषिकांत शुक्ला अक्सर एनकाउंटर में उड़वा दूंगा जैसे शब्दों से डर पैदा करते और इसी भय के सहारे लोगों से संपत्तियां अपने नाम कराते थे. जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ऋषिकांत कानूनी कार्रवाई के नाम पर फर्जी मुकदमे तैयार करवाता था, फिर उन्हीं मामलों को सुलझाने के एवज में करोड़ों रुपये वसूलत
(Police or gangster )कानपुर के चर्चित वकील और भूमाफिया अखिलेश दुबे के साथ ऋषिकांत शुक्ला के संबंध किसी रहस्य से कम नहीं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि दुबे और शुक्ला के बीच वर्षों से आपसी लाभ का रिश्ता था. दुबे अपने प्रभाव और लॉ नेटवर्क से लोगों को फंसाता, जबकि शुक्ला पुलिसिया ताकत से उन उन फर्जी मामलों को कानूनी जामा पहनाता. एसआईटी की रिपोर्ट में दर्ज है कि दोनों ने मिलकर कई निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया, खासकर जमीन विवादों मे कई केसों में देखा गया कि जिन पर रेप या रंगदारी जैसे मुकदमे दर्ज हुए, उनके नाम पर वही जमीन बाद में शुक्ला या दुबे की कंपनी के नाम ट्रांसफर हो गई. दरअसल शुक्ला की तैनाती वाले थानों में दुबे का खास दखल था. जांच में खुलासा हुआ कि अखिलेश दुबे की कंपनी में शुक्ला की पत्नी प्रभा शुक्ला बतौर पार्टनर दर्ज है यह कंपनी रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन से जुड़ा कारोबार करती थी, जिसके जरिए काली कमाई को सफेद में बदलने का खेल चलता रहा.
कंपनी में काले धन की सफाई
एसआईटी ने जब ऋषिकांत शुक्ला की संपत्तियों की छानबीन की, तो पता चला कि उनकी पत्नी का नाम कानपुर की एक बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी में दर्ज है. इस कंपनी के में दर्ज है. इस कंपनी के दूसरे पार्टनर भी पुलिस के दो अधिकारी थे, जो कानपुर में लंबे समय तक तैनात रहे. तीनों की मिलीभगत से कंपनी ने कुछ ही सालों में करोड़ों के प्रोजेक्ट खड़े किए. आरोप है कि शुक्ला और उनके साथियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जमीनों की रजिस्ट्री, NOC और सरकारी मंजूरियों में खेल किया.
कई बार जमीनों को जबरन कब्जा कर कम कीमत दिखाकर रजिस्ट्री करवाई जाती थी, फिर कुछ महीनों बाद वही जमीन ऊंचे दाम पर बेच दी जाती. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऋषिकांत की पूरी व्यवस्था फिल्मी अंदाज में चलती थी ऊपर से सख्त अधिकारी, अंदर से कारोबारी कि ऋषिकांत की पूरी व्यवस्था फिल्मी अंदाज में चलती थी ऊपर से सख्त अधिकारी, अंदर से कारोबारी.
Police or gangster छत्रछाया की परिभाषा और स्थानीय राजनीति में भूमिका
ऋषिकांत शुक्ला पर कानपुर में रहते हुए कई शिकायतें आईं, लेकिन हर बार जांच फाइलों में दबा दी गईं. कारण राजनीतिक पहुंच और नेताओं से करीबी संबंध. साल 2024 में उनके बेटे की शादी का आयोजन इसका सबसे बड़ा उदाहरण माना जा रहा है. कानपुर के एक लग्जरी रिजॉर्ट में हुई शादी में जिले के सीनियर अधिकारी, विधायक यहां तक कि कुछ सांसद भी मौजूद थे. (Police or gangster ) रिपोर्ट के मुताबिक, उस आयोजन में जिस अंदाज में शुक्ला ने करोड़ों रुपये खर्च किए, उसने पुलिस और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा छेड़ दी थी. बावजूद इसके, किसी ने जांच की मांग नहीं की. राजनीतिक संरक्षण के चलते शुक्ला का ट्रांसफर तो हुआ, लेकिन जांच कभी आगे नहीं बढ़ी. य यह सिलसिला तब टूटा जब अखिलेश दुबे के गिरोह पर शिकंजा कसना शुरू हुआ और दुबे के करीबी अधिकारियों के नाम सामने आने लगे.
बेनामी संपत्ति और हवाला नेटवर्क
एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, ऋषिकांत शुक्ला और उनके परिवार के नाम पर 12 स्थानों पर 92 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता चला है. इनमें लखनऊ, कानपुर, फतेहप, इटावा और मैनपुरी में जमीनें, आलीशान मकान, लग्जरी गाड़ियां और फ्लैट शामिल हैं. कई संपत्तियां अभी तक एसआईटी के कब्जे में नहीं आई हैं, क्योंकि वे रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम पर खरीदी गईं. जांच में पाया गया कि संपत्ति की खरीद में शुक्ला के PAN कार्ड और बैंक खातों का सीधा इस्तेमाल हुआ है. कई बार वे कैश डील में जमीन खरीदते और बाद में फर्जी दस्तावेजों के जरिए उसे पत्नी या पार्टनर के नाम करा देते थे.
Police or gangster
कानपुर के अपराध जगत में ऋषिकांत का नाम एक डर की तरह लिया जाता था. कई छोटे अपराधी उनके इशारों पर काम करते थे. कोई विरोध करता तो झूठे केस में फंसा दिया . इसी डर की वजह से शहर के कई बिल्डर, कारोबारी और भू-माफिया शुक्ला के नेटवर्क से बाहर नहीं निकल पाए. एसआईटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एनकाउंटर का डर ऋषिकांत शुक्ला का सबसे ताकतवर हथियार था. वह अपने रसूख और खौफ से कानून को मोड़ लेता था. अब जब जांच आगे बढ़ी है, तो कई पीड़ित खुलकर सामने आने लगे हैं. कई ने लिखित बयान दिए हैं कि किस तरह उनसे दबाव में जमीनें छीनी गईं.

नोट: पंजाबी की ब्रेकिंग खबरें पढ़ने के लिए आप हमारा CAi TV ऐप डाउनलोड कर सकते हैं। अगर आप वीडियो देखना चाहते हैं तो Crime Awaz India के YouTube चैनल को सब्सक्राइब कर लें।
W/A चैनल को फॉलो करें — Crime Awaz India सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।
आप हमें Facebook, Twitter, Koo, ShareChat और Dailyhunt पर भी फॉलो कर सकते हैं।
https://crimeawaz.in/breaking-news/https://crimeawaz.in/breaking-news/
@CrimeAwazIndiaTVhttp://read more crime story @CrimeAwazIndiaTVhttps://play.google.com/store/apps/details?