
New Rent Agreement Rules 2025 India
New Rent Agreement Rules 2025 India(crime awaz india): 19 नवंबर, 2025 देशभर में किराए पर रहने वाले लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है। सरकार ने किराएदारी को सरल, पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से ‘नए किराया समझौता नियम 2025’ (New Rent Agreement Rules 2025) लागू कर दिए हैं।मॉडल किरायेदारी अधिनियम (Model Tenancy Act) पर आधारित इन नए नियमों के तहत अब यह अनिवार्य होगा कि किसी भी रेंट एग्रीमेंट को साइन करने के बाद अधिकतम दो महीने के भीतर रजिस्टर कराना होगा।
ऐसा न करने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह बदलाव मकान मालिकों और किराएदारों के बीच विवादों को जल्दी सुलझाने और प्रक्रिया को मानकीकृत करने के लिए किया गया है।

एग्रीमेंट रजिस्टर करना हुआ ‘अनिवार्य’
नए एक्ट के मुताबिक, चाहे आप किराएदार हों या मकान मालिक, आपको एग्रीमेंट साइन होने के दो महीने के अंदर उसे रजिस्टर कराना होगा। यह रजिस्ट्रेशन (Registration) राज्य संपत्ति पंजीकरण पोर्टल (State Property Registration Portal) के जरिए ऑनलाइन या स्थानीय रजिस्ट्रार दफ्तर में जाकर कराया जा सकता है। ऐसा न करने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है।
किराएदारों (Tenants) के लिए क्या बदला?
- सीमित सिक्योरिटी डिपॉजिट: अब मकान मालिक मनमानी सिक्योरिटी (Security Deposit) नहीं मांग सकेंगे। रिहायशी संपत्ति के लिए अधिकतम 2 महीने और कमर्शियल (Commercial) जगहों के लिए 6 महीने का किराया ही एडवांस लिया जा सकेगा।
- किराया वृद्धि के नियम: किराए में बढ़ोतरी के लिए अब पहले से नोटिस (Notice) देना जरूरी होगा और यह स्थापित नियमों के अनुसार ही होना चाहिए।
- बदसलूकी पर रोक: किराएदारों को अचानक घर खाली करने के लिए नहीं कहा जा सकता। इसके लिए स्पष्ट बेदखली प्रक्रियाएं बनाई गई हैं।
- विवादों का निपटारा: किसी भी विवाद को सुलझाने के लिए विशेष रेंट कोर्ट (Rent Courts) और ट्रिब्यूनल बनाए गए हैं, जहाँ 60 दिनों के अंदर फैसला सुनाया जाएगा।
मकान मालिकों (Landlords) को क्या फायदा?
- TDS सीमा बढ़ी किराए की आमदनी पर टीडीएस (TDS) की सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना कर दी गई है, जिससे मालिकों के हाथ में ज्यादा पैसा आएगा।
- टैक्स में आसानी अब किराये की आय ‘रिहायशी संपत्ति से आय’ (Income from Residential Property) के तहत आएगी, जिससे टैक्स रिपोर्टिंग आसान होगी।
- किराया न मिलने पर एक्शन अगर किराएदार लगातार तीन बार किराया नहीं देता है, तो मकान मालिक ट्रिब्यूनल (Tribunal) में जाकर तुरंत कार्रवाई की मांग कर सकता है।
- इंसेंटिव्स जो मालिक किफायती किराया रखते हैं या घर में सुधार कराते हैं, उन्हें राज्य की योजनाओं के तहत टैक्स लाभ (Tax Benefits) मिल सकते हैं।
कैसे करें रजिस्टर?
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बहुत आसान कर दी गई है। आपको बस अपने राज्य के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर जाना है, दोनों पक्षों के पहचान पत्र (ID Proofs) अपलोड करने हैं और रेंट की जानकारी भरनी है। इसके बाद एग्रीमेंट पर ई-साइन (e-sign) करके इसे जमा कर दें।
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