चंडीगढ़ वकील ने मांगी पड़ोसी को पीटने की अनुमति अदालत में उठे BNS की धारा पर सवाल

Manu Thakur
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Lawyer seeks permission to assault neighbor

Sat, 08 Nov 2025

Lawyer seeks permission to assault neighbor(crime awaz india)Hemant Mittalचंडीगढ़ के वकील धर्मेंद्र सिंह रावत ने अपने पड़ोसी के खिलाफ पिटाई कार्रवाई की अनुमति मांगते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और पुलिस विभाग को पत्र लिखा है। सेक्टर-44B के निवासी रावत ने यह अनोखी आवेदन न केवल सेक्टर-34 पुलिस को दी है बल्कि इसकी प्रति पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश गृह सचिव डीजीपी एसएसपी और बार काउंसिल के चेयरमैन को भी भेजी है।वकील ने अपने पत्र में लिखा है कि पड़ोसी ने उनकी 24 लाख की थार आरओएक्सएक्स पर खरोंचें डाली। ये सीसीटीवी में भी कैद हुआ है।

रावत ने आवेदन में आईपीसी की धारा का हवाला दिया

सेक्टर 44 बी में रहने वाले वकील धर्मेंद्र सिंह रावत के अनुसार, उनके पड़ोसी ने ईर्ष्या के कारण उनकी नई कार के बोनट पर स्क्रैच डाले। इसलिए भारतीय न्याय संहिता की धारा 35 के अनुसार, मुझे पड़ोसी को पीटने की अनुमति दी जाए।

मुझे एक लाख रुपये का नुकसान हुआ

रावत ने शिकायत में लिखा कि पड़ोसी ने उनका लगभग एक लाख रुपये का नुकसान किया है। 11 अगस्त को उन्होंने पुलिस को अपनी शिकायत भी दर्ज करवा दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मैं जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अनुमति मांग रहा हूँ

वकील ने कहा कि पुलिस के कार्रवाई न करने पर मेरे पास पड़ोसी को पीटने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं बच रहा। एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते मैं पुलिस से पहले इस बात की परमिशन लेना चाहता हूं।एडवोकेट ने अपने पत्र में लिखा है कि भारतीय न्याय संहिता बीएनएस (BNS) 2023 की धारा 35(b) नागरिकों को अपने शरीर और संपत्ति की रक्षा का अधिकार देती है। उनका कहना है कि अगर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती, तो मुझे कानून के तहत आरोपी को सार्वजनिक रूप से थप्पड़ मारने या सजा देने का अधिकार है।रावत ने यह भी कहा कि पिटाई से पहले वह पुलिस, उच्चाधिकारियों और मीडिया को सूचना देंगे, ताकि उनकी कार्रवाई को गलत न समझा जाए।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की भी अनदेखी

एडवोकेट रावत ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट के 2013 के ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार मामले के फैसले का उल्लंघन किया है, जिसमें कहा गया है कि गंभीर अपराध की सूचना मिलने पर पुलिस के लिए एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य है।

पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार किया

सेक्टर-34 थाना पुलिस ने इस तरह की एप्लिकेशन मिलने से फिलहाल इनकार किया है। हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि वे मामले की जानकारी जुटा रहे हैं, पर इस पर औपचारिक बयान देने से फिलहाल बच रहे हैं।

सेक्टर-34 थाना पुलिस ने इस तरह की एप्लिकेशन मिलने से फिलहाल इनकार किया है। हालांकि अधिकारियों ने कहा है कि वे मामले की जानकारी जुटा रहे हैं, पर इस पर औपचारिक बयान देने से फिलहाल बच रहे हैं।

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