पंचकूला पुलिस ने फर्जी वीजा रैकेट का किया भंडाफोड़ 5 आरोपित दबोचे

Manu Thakur
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Immigration Fraud Gang Bust 2025

Immigration Fraud Gang Bust 2025

Immigration Fraud Gang Bust 2025(crime awaz india): 05 Dec 2025 एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट ने विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े अंतरराज्यीय गैंग का भंडाफोड़ करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया और इटली के वर्क वीजा दिलाने का झांसा देकर 8 युवाओं से 48.25 लाख रुपये ठग चुका था। हैरानी की बात यह है कि गैंग में शामिल एक आरोपी राष्ट्रीय स्तर का बॉक्सिंग खिलाड़ी भी है।

पुलिस ने आरोपियों से 6.75 लाख रुपये नकद सहित भारी मात्रा में पासपोर्ट और दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपियों से 8 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, पंजाब-हरियाणा-चंडीगढ़ के 40 पासपोर्ट, फिनलैंड के 4 टीआरसी कार्ड, 6 चेकबुक, मुहरें, 10 एटीएम कार्ड और 6.75 लाख रुपये नकद बरामद हुए हैं। एक आरोपी गुरचरण के बैंक खाते में पड़े 4 लाख रुपये भी फ्रीज किए गए हैं।

डीसीपी पंचकूला सृष्टि गुप्ता के अनुसार सेक्टर-14 स्थित वेस्टएड वीजा सॉल्यूशंस की एक महिला प्रतिनिधि ने डीसीपी कार्यालय में शिकायत दी थी, जिसके आधार पर 22 जुलाई 2025 को सेक्टर-14 थाना में केस दर्ज किया गया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान गुरचरण सिंह (नवांशहर, पंजाब), शहबाज उर्फ प्रजापति (महाराष्ट्र), अनिकेत उर्फ ऋषि (जयपुर, राजस्थान), अंशु कुमार (दिल्ली) और अजय सेठी (सोनीपत) के रूप में हुई है। पुलिस कमिश्नर शिबास कविराज ने कहा कि युवाओं को विदेश में अवसरों के नाम पर ठगने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। यह कार्रवाई टीम के उत्कृष्ट प्रयासों का परिणाम है तथा युवाओं की मेहनत की कमाई की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

पूरी साजिश के पीछे गुरचरण सिंह का दिमाग

जांच में सामने आया कि गुरचरण सिंह खुद को वैध वर्क परमिट लाइसेंसधारक बताकर एजेंटों और पीड़ितों को भरोसा दिलाता था। शिकायतकर्ता ने बताया कि 8 युवाओं के पासपोर्ट, दस्तावेज और कुल 48 लाख 25 हजार 600 रुपये गुरचरण को सौंपे गए थे। मार्च और अप्रैल में फ्लाइट के नाम पर टालमटोल की गई, लेकिन कोई टिकट सुनिश्चित नहीं हुई। पैसे वापस मांगने पर गुरचरण फरार हो गया। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया और फिर पूरे गिरोह का भंडाफोड़ किया।

अलग-अलग शहरों से गिरफ्तारी

एंटी इमिग्रेशन फ्रॉड यूनिट इंचार्ज योगविंद्र सिंह, एएसआई संदीप और साइबर सेल के रामू स्वामी की टीम ने अलग-अलग राज्यों में छापे मारकर आरोपियों को दबोचा। 13 नवंबर को गुरचरण सिंह को नवांशहर (पंजाब) से गिरफ्तार किया। 25 नवंबर को शहबाज उर्फ प्रजापति काे महाराष्ट्र से, अनिकेत उर्फ ऋषि को जयपुर से, अंशु कुमार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। 30 नवंबर को अजय सेठी पानीपत से पकड़ा गया।
शहबाज राष्ट्रीय स्तर का बॉक्सर भी रह चुका है। जांच में यह भी पता चला कि गैंग ने राजस्थान में नेटवर्क फैलाने के लिए जयपुर में नया ऑफिस खोला था।

एक महीने तक युवाओं को होटल में बंद रखा गया

पुलिस जांच के अनुसार गिरोह ने कई युवाओं को विदेश भेजने का झांसा देकर मुंबई के एक होटल में करीब एक महीने तक रोके रखा था। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी फर्जी नाम का इस्तेमाल करते थे। कई राज्यों में उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। गुरचरण पर पंजाब में 6 केस, अजय सेठी पर दिल्ली और सोनीपत में 4 केस दर्ज हैं। शहबाज और अनिकेत पर भी सिरसा में ठगी के मामले चल रहे हैं। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।

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