गुरुग्राम में 3 करोड़ का डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड पकड़ा गया साइबर पुलिस ने वीज़ा कंसल्टेंट को गुजरात से दबोचा

Manu Thakur
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Gurugram Cyber Police Digital Arrest Fraud Case

Gurugram Cyber Police Digital Arrest Fraud Case(crime awaz india): 30 Nov 2025 गुरुग्राम साइबर पुलिस ने 3 करोड़ रुपये के डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड मामले में गुजरात से एक वीजा कंसल्टेंट को गिरफ्तार किया है। शिकायतकर्ता ने धोखेबाजों द्वारा डरा-धमकाकर रुपए हड़पने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने तकनीकी विश्लेषण के आधार पर आरोपी को पकड़ा और आगे की जांच जारी है। लोगों को डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड से सतर्क रहने की सलाह दी गई है।एक महिला को डिजिटल अरेस्ट कर खातों की जांच के नाम पर उससे करीब तीन करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में गुरुग्राम साइबर पुलिस ने शनिवार को एक और आरोपित को गुजरात से गिरफ्तार कर लिया। इसकी पहचान गुजरात के तापी के रहने वाले आशीष रमनलाल राणा के रूप में की गई। यह वीजा कंसल्टेंट है और इसने अपने भाई के माध्यम से बैंक खाते अरेंज कर साइबर ठगों को बेचे थे।

खातों की जांच के बहाने ठगों ने वसूले रुपए

साइबर थाना ईस्ट में डीएलएफ इलाके में रहने वाली महिला ने पिछले साल चार दिसंबर को धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। उसने बताया था कि साइबर ठगों ने वाट्सएप काॅल कर कहा कि उनके बेटे के आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लांड्रिंग में किया जा रहा है। इस पर उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर लिया और खातों की जांच के नाम पर कई बार में करीब तीन करोड़ रुपए ट्रांसफर करा लिए।

मितेश सहित 17 आरोपियों को हिरासत में लिया गया

Gurugram Cyber Police Digital Arrest Fraud Case साइबर पुलिस के मुताबिक, जांच में पता चला कि ठगी गई राशि कई अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी। इसमें से 39 लाख रुपए आशीष के भाई मितेश के खाते में गए थे। साइबर पुलिस ने इससे पहले मितेश समेत 17 लोगों को पकड़ा था। ये सभी आरोपित खाता धारक और खाता बेचने वालों में शामिल थे। मितेश से पूछताछ में आशीष के बारे में पता चला था। इस पर पुलिस ने शनिवार को आशीष को भी तापी से पकड़ा और गुरुग्राम लेकर आई।

मई 2025 में वह दुबई से भारत लौटा था

Gurugram Cyber Police Digital Arrest Fraud Case आरोपित से प्रारंभिक पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह वर्ष 2021 से दुबई में वीजा कंसल्टेंट के रूप में काम कर रहा था। मई 2025 में यह दुबई से भारत आया था। पूछताछ में पता चला कि दुबई में रहने के दौरान ही यह साइबर सिंडिकेट के संपर्क में आया और उन्हें अन्य लोगों के माध्यम से बैंक खाते बेचे।

मितेश ने ये खाते 12.80 लाख रुपए में बेच डाले थे

तीन करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में 39 लाख रुपए इसके भाई मितेश के खाते में आए थे। आशीष ने मितेश से खाते लेकर आगे बेचे थे। बैंक खाते उपलब्ध कराने के लिए मितेश को 12 लाख 80 हजार रुपए मिले थे। एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान ने बताया कि आरोपित को दो दिन के रिमांड पर लिया गया है। इससे पूछताछ की जा रही है।

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