
CSIO biomedical innovation for OA
CSIO biomedical innovation for OA(crime awaz india): 06 Dec 2025 सीएसआईओ के बायोमेडिकल इक्विपमेंट विभाग के मुख्य वैज्ञानिक और इस तकनीक के प्रोजेक्ट लीडर डॉ. प्रशांत कुमार महापात्र ने बताया कि मरीज के घुटने का फ्रंट और साइड व्यू थर्मल इमेजिंग कैमरे से लिया जाता है।घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस की जांच और दर्द की सटीक पहचान के लिए केंद्रीय वैज्ञानिक उपकरण संगठन (सीएसआईओ) के वैज्ञानिकों ने एक नई थर्मल डायग्नोस्टिक तकनीक विकसित की है इसे भविष्य की मेडिकल स्क्रीनिंग में बड़ा बदलाव माना जा रहा है इस तकनीक से बिना एक्स-रे और एमआरआई के केवल शरीर की गर्माहट (थर्मल पैटर्न) देखकर बीमारी की गंभीरता का पता लगाया जा सकेगा। न रेडिएशन का खतरा और न लंबा इंतजार बल्कि रिपोर्ट भी कुछ ही सेकेंड में सामने आ जाएगी।
सीएसआईओ के बायोमेडिकल इक्विपमेंट विभाग के मुख्य वैज्ञानिक और इस तकनीक के प्रोजेक्ट लीडर डॉ. प्रशांत कुमार महापात्र ने बताया कि मरीज के घुटने का फ्रंट और साइड व्यू थर्मल इमेजिंग कैमरे से लिया जाता है। लैपटॉप स्क्रीन पर यह थर्मल पैटर्न रियल टाइम में दिखाई देता है। लाल और पीला रंग बताता है कि सूजन व तेज दर्द है। वहीं, नीला और बैंगनी रंग सामान्य या हल्की स्थिति का संकेत देता है।
सिस्टम में मरीज का आई, विजिट नंबर और वेस्टर्न ओंटारियो और मैकमास्टर यूनिवर्सिटी ऑस्टियोआर्थराइटिस (डब्ल्यूओएमएसी) इंडेक्स दर्ज किया जाता है। इसके बाद सॉफ्टवेयर स्वतः घुटने के तापमान से जुड़े सभी महत्वपूर्ण फीचर निकालता है। इसमें औसत तापमान, अधिकतम–न्यूनतम तापमान, मानक विचलन, प्रभावित क्षेत्र का आकार पता चल जाता है। इन आधारों पर सिस्टम बीमारी की गंभीरता, जैसे ग्रेड-3, तक सुझाव दे देता है, जो डॉक्टर को तुरंत उपचार योजना बनाने में मदद करता है।
कुछ ही सेकेंड में तैयार होगी पूरी जांच रिपोर्ट
CSIO biomedical innovation for OA डॉ. प्रशांत के अनुसार मरीज को बस थर्मल कैमरे के सामने खड़ा किया जाता है और कुछ सेकेंड में पूरा डेटा कंप्यूटर पर विश्लेषित हो जाता है। इसके बाद एक स्कोर शीट तैयार होती है, जिसमें दर्द, जकड़न, चलने-फिरने की क्षमता, सीढ़ियां चढ़ने-उतरने, बैठने और उठने की स्थिति जैसी गतिविधियों का मूल्यांकन भी किया जाता है। यह तकनीक एक्स-रे या एमआरआई की जगह नहीं लेती, लेकिन इन जांचों से पहले दर्द की प्रगति को मापने में यह बेहद उपयोगी है।
जाने, क्या हैं इस तकनीक के बड़े फायदे
नॉन-इनवेसिव, दर्द रहित, बिना रेडिएशन, शुरुआती डायग्नोसिस में बेहतर है। इसमें डॉक्टरों को ऐसे संकेत मिल जाते हैं जो सामान्य जांच में तुरंत नहीं दिखते।
रंग बताएंगे हाल
थर्मल इमेज में रंग शरीर के स्वास्थ्य संकेतों को दर्शाते हैं। लाल-पीला क्षेत्र संभावित सूजन, तनाव या रोग का जोखिम बताता है जबकि हरा-नीला क्षेत्र सामान्य या कम जोखिम को दर्शाता है। यह विजुअल तरीका मरीज और डॉक्टर दोनों के लिए दर्द की स्थिति को स्पष्ट रूप से समझने में मदद करता है।
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