
Bhakhra Dam Desilting Project 2025
Bhakhra Dam Desilting Project 2025(crime awaz india): 3 दिसंबर, 2025 विश्व प्रसिद्ध भाखड़ा डैम (Bhakhra Dam) के इतिहास में पहली बार एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। डैम के निर्माण के 71 साल बाद इसके पीछे स्थित विशाल गोबिंद सागर झील (Gobind Sagar Lake) से गाद निकालने की योजना पर केंद्र सरकार ने अपनी सहमति दे दी है केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय (Union Jal Shakti Ministry) ने इस महात्वाकांक्षी परियोजना को अंजाम देने के लिए एक 10 सदस्यीय विशेषज्ञ टीम का गठन किया है। इस फैसले का उद्देश्य डैम की जल भंडारण क्षमता को बढ़ाना और भविष्य की चुनौतियों से निपटना है।
10 सदस्यीय टीम में शामिल हैं चीफ इंजीनियर
जल शक्ति मंत्रालय द्वारा गठित इस 10 सदस्यीय हाई-लेवल कमेटी में भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के मुख्य अभियंता सीपी सिंह (CP Singh) को भी शामिल किया गया है। यह टीम डैम की मौजूदा स्थिति का आकलन करेगी और गाद निकालने की प्रक्रिया की निगरानी करेगी। यह पहली बार है जब डैम बनने के बाद इतने बड़े स्तर पर सफाई अभियान चलाया जाएगा।
झील में अब तक मिट्टी भरने की मात्रा 25% तक पहुँच गई है
मुख्य अभियंता सीपी सिंह ने बताया कि गोबिंद सागर झील में गाद की स्थिति जानने के लिए पिछले दो वर्षों से नियमित रूप से जांच की जा रही थी। इस जांच में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि झील का करीब 25 प्रतिशत हिस्सा अब पानी की जगह गाद से भर चुका है।
डिसिल्टिंग क्यों करना ज़रूरी है
गाद जमा होने से डैम की कुल जल धारण क्षमता कम हो रही है, जिसका सीधा असर बिजली उत्पादन और सिंचाई के लिए पानी की आपूर्ति पर पड़ सकता है। सीपी सिंह ने बताया कि अगर समय रहते डिसिल्टिंग नहीं की गई, तो स्टोरेज क्षमता में और कमी आ सकती है। इस समस्या को हल करने के लिए बीबीएमबी और केंद्र सरकार ने मिलकर यह ठोस कदम उठाया है, जिससे न केवल बीबीएमबी बल्कि पूरे देश को लाभ होगा।
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