विधि-विधान के साथ बंद हुए कपाट

Manu Thakur
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Badrinath Temple Winter Closure

Badrinath Temple Winter Closure(crime awaz india): 25 नवंबर, 2025 : चमोली स्थित पवित्र बद्रीनाथ धाम के कपाट आज दोपहर 2:56 बजे शीतकाल के लिए पारंपरिक रीति-रिवाज़ों के साथ बंद कर दिए गए। हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में पूरा परिसर ‘जय बद्रीविशाल’ के जयकारों से गूंज उठा। कपाट बंद होते ही अब अगले छह महीनों तक मुख्य मंदिर में भगवान बद्रीनाथ के दर्शन नहीं हो सकेंगे।

विशेष ‘घृत कंबल’ माणा गांव से लाया गया था।

कपाट बंद होने से ठीक पहले एक बेहद खास रस्म निभाई गई। देश के प्रथम गांव माणा (Mana Village) में तैयार किया गया ‘घृत कंबल’ (Ghrita Kambal) भगवान बद्रीनारायण को ओढ़ाया गया। मान्यता है कि यह घी में भिगोया हुआ कंबल भगवान को भीषण ठंड से सुरक्षा प्रदान करता है।

गढ़वाल राइफल्स के सुरों पर श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठे।

इस ऐतिहासिक और भक्तिमय पल को खास बनाने के लिए मंदिर को 12 क्विंटल गेंदे के फूलों (Marigold Flowers) से भव्य रूप से सजाया गया था। कपाट बंदी की प्रक्रिया के दौरान गढ़वाल राइफल्स (Garhwal Rifles) का बैंड तैनात रहा, जिसने अपनी अंतिम धुनें बजाईं।

बैंड की धुन पर मंदिर परिसर में खड़े श्रद्धालु भक्ति भाव में थिरकते नजर आए। बता दें कि इस सीजन में रिकॉर्ड 16 लाख 50 हजार से ज्यादा लोग भगवान के दर्शन करने पहुंचे हैं।

अब पांडुकेश्वर में होंगे दर्शन

परंपरा के अनुसार, उद्धव (Uddhav) और कुबेर (Kuber) की प्रतिमाओं को भी गर्भगृह (Sanctum Sanctorum) से बाहर लाया गया। अब शीतकालीन प्रवास के दौरान भक्त भगवान बद्रीनाथ के दर्शन पांडुकेश्वर (Pandukeshwar) स्थित योगध्यान बदरी (Yogdhyan Badri) मंदिर में कर सकेंगे।

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