Zirakpur Nagar Council जीरकपुर, 3 अक्टूबर (हेमन्त मित्तल) माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशानुसार आज जीरकपुर नगर परिषद में सदन की बैठक बुलाई गई जिसमें उदयवीर सिंह ढिल्लों अपने वकील के साथ अकेले उपस्थित हुए जबकि हलके के विधायक कुलजीत सिंह रंधावा सहित पार्षद भी जीरकपुर नगर परिषद की बैठक में पहुँचे।
दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया, जिसके चलते जीरकपुर नगर परिषद अध्यक्ष पद का मामला फिलहाल कानूनी पचड़े में उलझता जा रहा है क्योंकि इस संबंध में Zirakpur Nagar Council के अधिकारी और मौके पर पहुँचे मोहाली के उपायुक्त भी जवाब देने से बचते नजर आए। गौरतलब है कि नगर परिषद अध्यक्ष उदयवीर सिंह ढिल्लों की कुर्सी को लेकर चल रहा विवाद आज थमने के बजाय और उलझ गया है।
Zirakpur Nagar Council
हाईकोर्ट के आदेश पर हुई आज की बैठक कोर्ट द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक की निगरानी में हुई। बैठक में हलका विधायक कुलजीत सिंह रंधावा और अध्यक्ष श्री ढिल्लों समेत कुल 22 पार्षद शामिल हुए, जिनमें से अकाली दल और कांग्रेस से बागी हुए विधायकों समेत कुल 21 लोगों ने अध्यक्ष श्री ढिल्लों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया।
जबकि अध्यक्ष श्री ढिल्लों ने दावा किया कि दो-तिहाई बहुमत के लिए 22 वोटों की जरूरत थी। जबकि बागी गुट ने कहा कि 21 वोटों की जरूरत थी, जिस पर प्रशासनिक अधिकारी असमंजस में पड़ गए और उन्होंने इसे अंतिम निर्णय के लिए स्थानीय सरकारों को भेज दिया है।
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बैठक में डिप्टी कमिश्नर मोहाली कोमल मित्तल, एसडीएम डेराबस्सी अमित गुप्ता और एसपी ग्रामीण मनप्रीत सिंह, एसपी जीरकपुर जसपिंदर सिंह गिल विशेष रूप से प्रशासनिक और कानूनी व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे।
बैठक के बाद अध्यक्ष उदयवीर सिंह ढिल्लों ने बताया कि जीरकपुर सदन में कुल 31 वोट हैं, जबकि हलका विधायक कुलजीत सिंह रंधावा का एक वोट जोड़ने पर कुल 32 वोट बनते हैं। इसका दो-तिहाई बहुमत 22 वोट होता है, जबकि आज की बैठक के दौरान बागी गुट के पास केवल 21 वोट थे, जिसके कारण अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है।
अध्यक्ष को हटाने के लिए बागी गुट ने कहा कि नियमानुसार नगर परिषद में कुल 31 पार्षद हैं। कुल 21 वोट अध्यक्ष को हटाने के विरोध में थे, जो दो-तिहाई के आधार पर है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार हलका विधायक को वोट देने का अधिकार है, लेकिन उन्हें कोरम में नहीं गिना जा सकता।
पूछे जाने पर Zirakpur Nagar Council के कार्यकारी अधिकारी परविंदर सिंह भट्टी ने कहा कि उन्होंने पूरी बैठक की कार्यवाही लिखकर स्थानीय सरकारों को भेज दी है, जो नगर परिषद कानून के अनुसार अगला फैसला लेंगी।
उधर, कांग्रेस पार्टी के हलका इंचार्ज दीपइंदर सिंह ढिल्लों ने कहा कि अगर सरकार के इशारे पर कोई गलत फैसला लिया गया तो वह दोबारा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
