Fake Kidnapping Of 20 Years Old Girl

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  • मां-बाप से धोखा 20 साल की लड़की की करतूत सुन सन्न रह जाएंगे

डॉक्टर बनने की चाहत, किडनैपिंग का फुलप्रूफ प्लान,

Fake Kidnapping मां-बाप से धोखा 20 साल की लड़की की करतूत सुन सन्न रह जाएंगे

मध्य प्रदेश के शिवपुरी की रहने वाली काव्या धाकड़ नीट परीक्षा की तैयारी के लिए राजस्थान के कोटा जाती है. लेकिन एक दिन उसके पिता के मोबाइल पर उसकी किडनेपिंग का मैसेज आता आता है।

Fake Kidnapping

हाथ पैर दोनों रस्सियों से जकड़े हुए. मुंह कपड़े से बंधा हुआ. अब भला ऐसी तस्वीर देख कर किस मां-बाप का कलेजा न कांप जाए.

Fake Kidnapping

दो मुख्यमंत्री, दो राज्यों की पुलिस और एक केंद्रीय मंत्री जिस फर्जी अपहरण कांड में उलझ गए थे उसके आरोपी मिल गए हैं. इंदौर की क्राइम ब्रांच ने पिता से तीस लाख रुपये मांगने वाली काव्या धाकड़ और उसके दोस्त हर्षित को पकड़ लिया है. दोनों इंदौर की देवगुराड़िया की शिवाजी वाटिका कॉलोनी में थे. दोनों ने कुछ दिनों तक अमृतसर में भी दिन गुजारे. एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि इस फर्जी अपहरण कांड में जब कोटा का नाम आया था, तब वहां की पुलिस इंदौर आई थी. जब कोटा पुलिस लड़की की तलाश में इंदौर आई थी तब वह अपने दोस्त हर्षित के साथ अमृतसर गोल्डन टेंपल चली गई थी.

Fake Kidnapping

उनके पास रुपये कम थे. इसलिए वे वहां के गुरुद्वारे में ही रहे. दो दिन पहले ही वे इंदौर आए थे. वे यहां आकर गुराड़िया इलाके की शिवाजी वाटिका के पास कमरा लेकर किराए से रह रहे थे. उनके आने की खबर मुखबिर ने पुलिस को दे दी. उसके बाद इंदौर क्राइम ब्रांच ने उन्हें पकड़ लिया. इंदौर पुलिस ने कोटा पुलिस को दोनों के पकड़े जाने की सूचना दे दी है. अब कोटा पुलिस किसी भी वक्त यहां आकर उन्हें ले जा सकती है. गौरतलब है कि 18 मार्च को राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश तक हड़कंप मच गया था. बैराड़ (शिवपुरी) की रहने वाली 20 साल काव्या धाकड़ की कुछ तस्वीरें सामने आईं.

यहां रची गई Fake Kidnapping की कहानी

इस फर्जी अपहरण की कहानी इंदौर में रची गई. काव्या दोस्त हर्षित के साथ भवरकुंआ क्षेत्र के पिपलिया राव स्थित सिमरन पीजी-हॉस्टल पहुंची. यहां हर्षित का दोस्त बृजेंद्र रहता है. यहां तीनों मिले. दोनों भाई बहन बनकर ब्रजेंद्र के साथ पीजी में रहे. यहीं से फर्जी अपहरण की कहानी रची गई. इसके बाद काव्या हर्षित के साथ कोटा चली गई. 19 मार्च को वो इंदौर वापस आई. उसने भोलाराम उस्ताद मार्ग पर स्थित सर्वानंद नगर के गर्ल्स हॉस्टल में दो दिन के लिए कमरा लिया. होस्टल की वार्डन ने पुलिस को बताया कि वह पेपर देने के लिए इंदौर आई है. उसने दो दिन के लिए रूम लिया था. लेकिन वह महज 3 घंटे रुकी और रात 11 बजे एक लड़के के साथ चली गई.

इसलिए रची Fake Kidnapping की साजिश

काव्या को पता था कि उसके पिता की जमीन शिवपुरी में 54 लाख रुपये की बिकी थी. ये रकम दो हिस्सों में आनी थी. उसे पता था कि बचे हुए 27 लाख रुपये जल्द पिता को मिलने वाले हैं. इसलिए उसने पहले ही अपने अपहरण की फिरौती की कीमत 30 लाख रुपये रखी. वह ये रुपये लेकर विदेश भाग जाना चाहती थी.

काव्या ने कहा कि उसका अपहरण नहीं हुआ था। माता-पिता उसे पढ़ाना चाहते थे। पढ़ाई में कमजोर थी। उसने हर्षित के साथ साजिश की और सोचा पिता रघुवीर से फिरौती लेकर रूस चली जाएगी। यहां से नर्सिंग की डिग्री लेकर बता देगी की पढ़ाई कर ली है। दोनों ने पासपोर्ट के लिए आवेदन भी दे दिया। पुलिस ने इसके बाद काव्या को छोड़ दिया, लेकिन हर्षित को हिरासत में ही रखा है।

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